फेफड़ों में गांठ के लक्षण, फेफड़े के कैंसर के शुरुआती लक्षण, भारत में फेफड़ों के कैंसर का इलाज
फेफड़ों में गांठ के लक्षण कई हो सकते हैं, जो निम्नलिखित हो सकते हैं:
- सांस लेने में कठिनाई: फेफड़ों में गांठ होने पर सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। यह लक्षण गंभीर हो सकता है और सांस लेने में अधिक परेशानी पैदा कर सकता है।
- छाती में दर्द: फेफड़ों में गांठ होने पर छाती में दर्द हो सकता है, जो अक्सर चिकित्सक द्वारा दर्द की स्थिति के रूप में वर्णित किया जाता है।
- खूनी थूक: फेफड़ों में गांठ के कुछ मामलों में, व्यक्ति की थूक में खून का होना एक लक्षण हो सकता है।
- सूजन: फेफड़ों में गांठ के क्षेत्र में सूजन या गांठ के आसपास त्वचा की सूजन हो सकती है।
- सूखी खांसी: यह एक अन्य लक्षण हो सकता है जो फेफ़ड़ों में गांठ के साथ दिखाई दे सकता है।
- वजन कमी: अनेक मामलों में, फेफड़ों में गांठ के उपस्थिति में व्यक्ति का वजन कम हो सकता है, जो अन्य लक्षणों के साथ संबंधित हो सकता है।
इन लक्षणों के साथ, अन्य विशेष लक्षण भी हो सकते हैं जो फेफड़ों में गांठ की उपस्थिति को संकेत कर सकते हैं। इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें और जल्द से जल्द एक चिकित्सक से सलाह लें।
भारत में फेफड़ों के कैंसर का इलाज
भारत में फेफड़ों के कैंसर का इलाज कई तरीकों से किया जाता है। इसमें निम्नलिखित उपाय शामिल हो सकते हैं:
- सर्जरी: अगर कैंसर का आकलन पहले स्टेज में हो और स्थानिक हो, तो फेफ़ड़ों के कैंसर के उपचार के लिए सर्जरी एक विकल्प हो सकता है। इसमें निकास, बीमार भाग का तत्काल हटाना और या फिर पूरी फेफ़ड़ी का निकास शामिल हो सकता है।
- कीमोथेरेपी: कैंसर की विकृतियों को नष्ट करने के लिए कीमोथेरेपी का उपयोग किया जा सकता है। यह दवाओं या उनके संयोजन का उपयोग करके कैंसर को नष्ट करने की प्रक्रिया है।
- रेडिओथेरेपी: इसमें उच्च-ऊर्जा रेडिएशन का उपयोग किया जाता है जो कैंसर को नष्ट करने के लिए उपयोगी होता है।
- पल्मोनरी रहावायस्कुलर सर्जरी (Pulmonary Endarterectomy): यह उपचार पुल्मनरी हाइपरटेंशन को ठीक करने के लिए किया जाता है, जो कई कारणों से हो सकता है, जिसमें फेफड़ों के कैंसर भी शामिल है।
- नई उपचार तकनीक: भारत में नवीनतम चिकित्सा तकनीकों के उपयोग से फेफड़ों के कैंसर का इलाज किया जा रहा है, जैसे कि इम्यूनोथेरेपी और न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर के लिए नवीनतम दवाओं का उपयोग।
फेफड़ों के कैंसर के इलाज का चयन रोगी की स्थिति, कैंसर के प्रकार, और स्थानिक परिस्थितियों पर निर्भर करेगा। यही कारण है कि रोगी को अपने चिकित्सक से सलाह लेना और सही उपचार की परामर्श लेना महत्वपूर्ण है।
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